नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी में हुई हिंसा के पीड़ितों को दिल्ली सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे की योजना के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट नीतिगत मामलों में दखल नहीं देना चाहते।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि मुआवजे की घोषणा करने के दिल्ली सरकार के फैसले में कुछ भी गलत नहीं है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि मुआवजा केवल दंगा पीड़ितों को मिलनी चाहिए। यह याचिका भाजपा नेता नंदकिशोर गर्ग ने दायर की थी। वकील शशांक देव सुधी के जरिये दायर याचिका में कहा गया था कि मुआवजे का भुगतान करने से पहले दंगा पीड़ितों की पहचान की जाए और सुनिश्चित किया जाए कि हिंसा के अपराधियों को राहत नहीं मिले।
उल्लेखनीय है कि पिछले 2 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हिंसा में मारे गए आईबी अधिकारी अंकित शर्मा के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया था। उसके पहले दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल रतन लाल के परिजनों को भी एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया था।
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