प्रयागराज: सोमवार को मौनी अमावश्या के चलते दूसरा शाही स्नान था। इस समय का सभी साधु संतों को बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन यह परंपरा टूट गयी है। असल मे शाही स्नान में आम श्रद्धालुओं से पहले संतों के स्नान करने की अनुमति दी जाती है। संतों के स्नान के बाद ही आम जन को स्नान करने का मौका मिलता है। लेकिन मौनी अमावश्या के दिन यह शाही स्नान की परंपरा टूट गयी ।
मेला प्रशासन द्वारा महानिर्वाणी- अटल अखाड़े को शाही स्नान करने के लिए 5:50 का समय दिया था। जब अखाड़े के हजारों साधु संत पहुंचे स्नान करने तो आम जन को पहले ही स्नान करते हुए देखकर गुस्से में आ गए। ऐसा मकर संक्रांति को भी हो चुका है। प्रशासन ने किसी तरह से संतों को शांत कराया।